गेंहू की सबसे अच्छी_अच्छी किस्म दुगनी पैदावार।

गेहूं की टॉप किस्में!

 

रबी सीजन को देखते हुए आज हम किसानों के लिए गेहूं की टॉप किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी बुवाई से किसान बंपर उत्पादन पा सकते हैं!  

रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में किसान अपने खेतों में बुवाई शुरू करने लगे हैं।देखा जाएं तो भारत में गेहूं की खेती बड़ें पैमाने पर की जाती है और गेहूं रबी सीजन की प्रमुख फसलों में से एक है।इसी कड़ी में आज हम किसानों को गेहूं की उन उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके उत्पादन से किसान बंपर मुनाफा कमा सकता हैं।

१.DBW (डीबीडब्ल्यू )252 गेहूं की किस्म_

डीबीडब्ल्यू 252 गेहूं की उन्नत किस्मों में से एक है. इस किस्म को करण श्रिया किस्म के नाम से भी जाना जाता है।

बता दें कि यह खास किस्म  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल द्वारा विकसित की गई है।इस गेहूं की किस्म की बुवाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से नवंबर के शुरूआती दिनों में की जाती है।

डीबीडब्ल्यू 252 गेहूं की औसत उपज 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती हैं।

 

२.गेहूं की एच आई(HI)-8663 किस्म।

गेहूं की यह खास किस्म अपने बंपर उत्पादन के लिए जानी जाती है।

बता दें कि इस किस्म से 95.30 क्विंटल प्रति हेक्टर गेहूं का उत्पादन किया जा सकता है।

गेहूं की HI-8663  किस्म में उच्च गुणवत्ता पाई जाती है और यही कारण है कि इसकी रोटी पौष्टिक गुणों से भरी होती है।साथ ही इस किस्म से सूजी भी बनाई जाती है।

३.गेहूं की DBW (डीबीडब्ल्यू)-303 किस्म

डीबीडब्ल्यू-303 किस्म अधिक पैदावार देने वालों में से एक है।इस किस्म को करण वैष्णवी के नाम से भी जाना जाता है।इस किस्म की बंपर पैदावार 81.2 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।इसमें कई पौष्टिक गुण मौजूद होते हैं तथा यह किस्म 145 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

४. दो नई किस्में 1634 और 1636 गेंहू की।

गेहूं की ये दो 1634 और 1636 किस्में मध्य प्रदेश में विकसित की गई हैं।


इस गेहूं की किस्म को इंदौर में विकसित किया गया है।

खास बात यह कि गेहूं की यह दोनों किस्में उच्च तापमान होने के बावजूद समय से पहले नहीं पकती हैं।

यह किस्म बुवाई के 115 दिनों  में पककर तैयार हो जाती है।

 

५.गेहूं की ‘कुदरत 8’ और ‘कुदरत विश्वनाथ’ किस्में बहुत अच्छी है।

गेहूं की ‘कुदरत 8’ और ‘कुदरत विश्वनाथ’ किस्में किसानों के लिए वरदान बन सकती है।

यह दिखने में बौनी होती है और इन खास किस्म को उत्तर प्रदेश में विकसित किया गया है।

यह खास किस्में बदलते मौसम में सामान्य बनीं रहती हैं.

गेहूं की किस्म इसकी फसल पकने में 110 दिन का समय लगता है.

इन किस्मों से 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गेहूं प्राप्त होता है.

६.गेहूं की किस्म DBW 327( top kisham)

गेहूं की इस खास किस्मू को करण शिवानी के नाम से भी जाना जाता. गेहूं की DBW 327 किस्म बंपर उत्पादन देती है.

इसकी संभावित उपज क्षमता 87.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

खास बात यह कि यह सूखे के प्रति बेहद सहनशील है और उच्च तापमान में भी बंपर उत्पादन देती है.

बुवाई के 155 दिनों के बाद यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है।


७.पछेती किस्म गेहूं की DBW 107 हैं।

कई बार देखा गया है कि किसान गेहूं की बुवाई में देरी हो जाती है।

मगर किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं हैं किसान DBW 107 पछेती किस्म की बुवाई के जरिए बंपर 68.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार की पैदावार पा सकते हैं।

खास बात यह कि गेहूं की यह किस्म गेहूं की यह बुवाई के महज 109 दिनों में पक जाती है तथा इसके पौधे की उंचाई 89 सेमी होती है।

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